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 नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को अदालत ने सुनाई अंतिम साँस तक आजीवन कारावास की सजा 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत राणा ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए दोषी पिता को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही पीड़िता को 10 लाख रुपये मुआवजा राशि देने के आदेश दिए हैं। साल 2021 में दर्ज मामले में अधिवक्ताओं द्वारा पेश किए साक्ष्यों व दमदार दलीलों के आधार पर आरोपी पिता को दोषी ठहराया गया।

पीड़िता नाबालिग के वकील राजेंद्र खत्री और सरकारी अधिवक्ता हरकेश के अनुसार छह जनवरी 2021 को चांदहट थाना अंतर्गत एक गांव निवासी महिला ने महिला थाना पुलिस ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह अपने माता-पिता से मिलने यूपी स्थित अपने मायके गई थी। घर पर उसकी दो बेटियां मौजूद थी। पांच जनवरी 2021 की रात को उसके पति ने उसके 14 वर्षीय बड़ी बेटी के साथ दुष्कर्म किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। सुबह उसकी दोनों बेटी स्कूल जाने के बहाने घर से निकली और किसी तरह अपने नाना के यहां यूपी पहुंच गई, जहां उसने अपनी आपबीती अपनी मां व नाना को बताई। वह अपनी बेटियों को लेकर ससुराल पहुंची और मामले की पुष्टि होने पर मामले की शिकायत महिला थाना पुलिस को दी गई। मामले में महिला थाना पुलिस ने पोक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। आरोपी को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया। कुछ समय बाद अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपी पिता को जमानत मिल गई। अदालती कार्रवाई के दौरान आरोपी का डीएनए मिलान कराया गया, जो कि मैच हो गई। शुक्रवार को अदालत ने दोषी को अंतिम सांस तक कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही पीड़िता को 10 लाख रुपये मुआवजा देने के भी आदेश दिए गए। अधिवक्ताओं ने बताया की इतना ही नहीं आरोपी पिता ने वर्ष 2022 में अपनी नाबालिग बेटी के साथ दोबारा से दुष्कर्म की घटना को भी अंजाम दिया। 

 

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